Friday 21 July 2017

कल्पनाओ की लेहरो में बहे जा रहा था

कल्पनाओ की लेहरो में बहे जा रहा था 
खुद से ही कुछ मै कहे जा रहा था 

कभी  पहाड़ो की चोटी चढ़े जा रहा था 
कभी समंदर में फिर मै बहे जा रहा था 

कभी इस पग  पे मुड़ता फिर उसी मोड़ पे खोता 
ना जाने ये मै किधर जा रहा था 

कभी इस पल को हसता फिर उसी पल को रोता 
कभी उस पर मै हसता कभी खुद पर मै रोता 

मेरी आँखों से आंसू बहे जा रहा था 
मेरा दिल भी मुझसे कुछ कहे जा रहा था 

पर इस दिल की बात ना मै समझ पा रहा था 
और कल्पनाओ की लेहरो में बहे जा रहा था  

कुदरत

वाह रे कुदरत क्या  खूब ये तेरी काया है कोई इसको समझ ना पाया है 

तूने इस गोलाकार पृथ्वी को क्या  खूब तरीके से सजाया है
विविधताओं के रंग भर कर सजगता से मनमोहक भी बनाया है 

कही पहाड़ो की ठंडी छाया है तो कही झीलों और झरनो को देख 
तेरे इस रचना पे हर किसी का मन इठलाया है  

कभी ठंडी हवा की फुहार ने चलकर पेड़ो को सहलाया है 
कभी इस बहती गंगा को देख के हमारा ठंडा खून भी गरमाया है 

अगर यह पाप मिटाती है तो हम क्यों पाप को होने दे 
इस बहते पानी में ही तो हमारा अस्तित्व समाया है 

तूने  इंसान को बनाया है और इसी ने तुझे सताया है 
कुछ ऐसा कर हे प्रभुवर इन सब की अक्ल ठिकाने आये 

और तू फिर से अपने रचनाओं के आँचल फैलाए 



अपनी प्यारी काशी

गली गली में वेद ध्वनि, हर गली होते संवाद 
संकट मोचन मंदिर में चढ़ता रहे प्रसाद 

भोले बाबा है चलो चले श्री विश्वनाथ 
कही कचौड़ी का मजा तो कही चकाचक चाट 

काशी का भारत मिलाप है अति विश्व विख्यात 
इस मन मुगधित लीला की है अजब निराली बात 

चेतगंज की नाक कटैय्या की  ही कुछ ऐसी ही बात 
इस अलौकिक दृश्य का मंचन होता आधी रात 

 यह नहीं केवल एक नगरी है , यह विभिन्न संस्कृतियों की गगरी है 
कष्ट मिटाने आते लोग  क्योकि यह देवो की नगरी है 

वाराणसी स्थित है वरुणा अस्सी के बीच 
जीवन है एक धरती उपजाऊ बना के उसको सींच 

पापमुक्त करती है गंगा आओ ले हम सब एक सीख 
पापमुक्त हो जाए वो भी जो आए मेरे तुम्हारे बीच 


Thursday 20 July 2017

जीवन एक संघर्ष है





पल पल क्रुन्दन की गूंजे है
छनिक मात्र ही हर्ष है
जीवन एक संघर्ष है



दुखी हृदय और मन विचलित हो

                                                                 और तीखे सबके शब्द है
                                                             जो उन सब मे आनंदित कर दे
                                                                  वो मा बाप का स्पर्श है
                                                                    जीवन एक संघर्ष है



                                                         बस काट काट अब खुशिया मिलती
                                                         कभी तनिक कभी छनिक है मिलती
                                                                      विपदाओं के वर्ष है
जीवन एक संघर्ष है

                                                                    जब मन मूर्छित हो जाता है
                                                                      और हृदय बड़ा रुलाता है
                                                                 जब उस पल खुशिया मिलती है
                                                                तो मानो जगमग जगमग अर्श है
जीवन एक संघर्ष है।