Friday, 21 July 2017

अपनी प्यारी काशी

गली गली में वेद ध्वनि, हर गली होते संवाद 
संकट मोचन मंदिर में चढ़ता रहे प्रसाद 

भोले बाबा है चलो चले श्री विश्वनाथ 
कही कचौड़ी का मजा तो कही चकाचक चाट 

काशी का भारत मिलाप है अति विश्व विख्यात 
इस मन मुगधित लीला की है अजब निराली बात 

चेतगंज की नाक कटैय्या की  ही कुछ ऐसी ही बात 
इस अलौकिक दृश्य का मंचन होता आधी रात 

 यह नहीं केवल एक नगरी है , यह विभिन्न संस्कृतियों की गगरी है 
कष्ट मिटाने आते लोग  क्योकि यह देवो की नगरी है 

वाराणसी स्थित है वरुणा अस्सी के बीच 
जीवन है एक धरती उपजाऊ बना के उसको सींच 

पापमुक्त करती है गंगा आओ ले हम सब एक सीख 
पापमुक्त हो जाए वो भी जो आए मेरे तुम्हारे बीच 


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